जिंदगी का एक मिनट: सोच समझ कर फैसला लेना
रोहित एक कॉलेज जाने वाला छात्र था, जो एक उद्यमी बनने का सपना देखता था। उसका सोचने का तरीका थोड़ा अलग था और वह अक्सर बिना सोचे-समझे फैसले लेता था। इससे वह कुछ बार जमीन से नीचे गिर चुका था, लेकिन फिर भी उसे सीख नहीं हुई।
एक दिन उसका दोस्त रवि उससे एक नए व्यवसाय के बारे में बताते हुए आया। उन्होंने बताया कि उनके दोस्त ने इस व्यवसाय में निवेश किया है और अब वह एक बहुत बड़ी कंपनी बन गया है। रोहित को भी इस बात में दिलचस्पी जाग उठी थी। वह भी निवेश करना चाहता था।
लेकिन उसके पिता, मिस्टर शर्मा, उसे आगाह करते हुए कहते हैं कि उसे इस फैसले से पहले बहुत अच्छी तरह से सोच विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि उनका बेटा ऐसी गलतियों करे, जो उसे बाद में पछताना पड़े।
रोहित अपने पिता की बातों को ध्यान में नहीं रखते हुए, रवि के साथ निवेश करने का फैसला लेता है। वह अपने पैसे का एक बड़ा हिस्सा निवेश करता है। लेकिन उसे यह नहीं पता होता कि उसका निवेश गलत हो जाएगा। वह इस बात को भी नहीं समझता कि सफलता के लिए जरूरी होता है कि समय से पहले और सही विचार विमर्श किया जाए।
एक मिनट बाद, रोहित को समझ में आ जाता है कि उसने गलत फैसला ले लिया है और उसका निवेश नुकसानदायक हो गया है। अब उसका कर्जा हो गया है, जिसे उसे अदा करने में दिक्कत होती है।
उसके पिता ने उसे इस मुश्किल समय से निकालने में मदद की और उसे बताया कि अगली बार उसे सही विचार विमर्श करना होगा। रोहित ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए सीख ली कि जिंदगी में जरूरी है कि समय से पहले विचार विमर्श किया जाए।
इस कहानी का संदेश यह है कि जिंदगी का हर एक मिनट महत्वपूर्ण होता है। एक मिनट में हमारी जिंदगी बदल जाती है और हमें इसके फलस्वरूप उठाने पड़ते हैं। इसलिए, हमें सोच समझ के फैसला लेना चाहिए।
रोहित की कहानी यहां समाप्त नहीं होती है। उसने सीखा है कि सही विचार विमर्श करने से बड़ी सफलताएं हासिल की जा सकती हैं। वह अगली बार अपने साथीयों के साथ विचार विमर्श करने के बारे में सोचेगा और अच्छी तरह से निवेश करेगा।
नए नए संभवित फैसलों के सामने रोहित को जन्मदिन की तरह उत्साह महसूस हो रहा था। उसे अपने दोस्तों के साथ फैसले लेने में अब थोड़ा डर था, लेकिन उसने सीखा था कि डर नहीं होता जब आप सही विचार विमर्श करते हैं। अब वह अपने जीवन को सही तरीके से निर